हीरामंडी

वेश्यावृत्ति पर आधारित फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी के बाद तवायफों पर "हीरामंडी" वेब सीरीज लेकर आए हैं बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर संजय लीला भंसाली। 

कहानी उस समय की है जिस समय भारत में आजादी के लिए देशभक्त अंग्रेजों से लड़ाई लड़ रहे थे। "हीरामंडी" में तवायफों का अड्डा है। रानी-महारानी की तरह रहने वालीं तवायफों के शहर और देश के बड़े-बड़े नवाब दीवाने हैं। सीरीज में तवायफ बनने या न बनने की लड़ाई, अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई, प्रेम की लड़ाई और परिवार की लड़ाई देखने को मिलेगी। 8 एपिसोड वाली सीरीज को बेवजह खींचा गया है। सीरीज को कम समय में बेहतर बनाया जा सकता था। स्लो वेब सीरीज में म्यूजिक और गाने आपके कानों में सुकून देगें। मनीषा कोइराला ने बेहतरीन काम किया है। वह अन्य अभिनेत्रियों पर भारी पड़ती दिख रही हैं। नो-एंट्री फिल्म के अभिनेता फरदीन खान का कमबैक अच्छा हुआ है। शेखर सुमन और उनके बेटे का काम सराहनीय है। सीरीज में सोनाक्षी सिन्हा, अदिति राव हैदरी, ऋचा चड्ढा, संजीदा शेख और शर्मिन सहगल ने अच्छा काम किया है। 

स्टार की भीड़ वाली सीरीज में आपको यह लगेगा कि सीरीज में स्टार की भीड़ को कम किया जा सकता था।

फिल्मों में उस्ताद जैसे किरदार ज्यादातर दिखाई पड़ जाते हैं। उस्ताद के किरदार पर और मेहनत करने की जरुरत थी। सीरीज में आर्ट डायरेक्शन, सिनेमेटोग्राफी और कॉस्टयूम पर अच्छा काम किया है।  

सीरीज के अंतिम सीन में तवायफों के हाथों में मशाल को देखकर आपको फिल्म पद्मावत की याद आ जाएगी। संजय लीला भंसाली की फिल्मों में ज्यादातर एक जैसी ही वाइव आती है जैसे- म्यूजिक, कैमरा एंगल्स और ड्रेस इत्यादि को लेकर।

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