काम की आस में चौराहे पर खड़े मजदूर

घर से टिफिन लेकर निकले सुबह के लगभग 8 बजे राजमिस्त्री और बेलदार काम की खोज में आगरा के सदर बाजार चौराहे पर खड़े होकर काम मिलने का इंतजार कर रहे हैं। किसी के माथे पर शिकन है तो वहीं कोई चिंता में डूबा है। हर कोई ईश्वर से प्रार्थना कर रहा है कि उसे काम मिल जाए। जैसे ही कोई चौराहे पर राजमिस्त्री और बेलदार की खोज में आता है तो खड़े हुए मजदूर उसे घेर लेते हैं। ताकि उनको पहले काम मिल जाए और आज के लिए निश्चिंत हो जाएं। यहां पर प्रतिदिन की यही प्रक्रिया है। राजमिस्त्री और बेलदार से बातचीत कर पता चला कि उनका घर मुश्किल से चलता है वह पूरे साल कर्ज में डूबे रहते हैं। महीने के 30 दिन में से बमुश्किल 10 दिन काम मिलता है। रोज काम न मिलने और कम मेहनताना की वजह से बच्चों को भी नहीं पढ़ा पा रहे हैं। अच्छी शिक्षा न मिलने के कारण से उनके बच्चे भी मजदूरी की तरफ रुख कर रहे हैं।

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