सबसे बड़ी भूल

मैं राजप्रताप सिंह आईआईएमसी दिल्ली का छात्र हूं। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में प्रसिद्ध देहाती कलाकार बाबू गप्पी उर्फ भोला गुर्जर जी का इंटरव्यू लेने के लिए दिल्ली मेयर शैली ओबरॉय के मीडिया प्रभारी संजय भाई के जरिए बातचीत कर समय मांग लिया।

कलाकार उस समय से काम करते आ रहे हैं जब से डी.वी.डी और सीडी का जमाना था। कलाकार बाबू गप्पी ने 3 बजे का समय दिया लेकिन शूट में व्यस्त होने के चलते कलाकार रात के 8 बजे आए। इससे पहले कलाकार के घर पर मैं और मेरा दोस्त विनय नाश्ता कर चुके थे। हंसते मुस्कराते हुए बाबू गप्पी हमारे पास आए और उनकी बातें सुन मेरे अंदर जोश भर आया।

गणेश जी की तस्वीर देकर कलाकार का सम्मान किया और इंटरव्यू के लिए अनुमति मांगी।

मैंने पूरे जोश के साथ इंटरव्यू शुरू किया। बोलने में मेरी जीभ लड़खड़ा गई, कलाकार ने सहयोग किया और आगे बड़ा।

एक से एक बेहतरीन प्रश्न पूछे उनके बारे में जानकर मुझे और अच्छा लग रहा था। लगभग 25 मिनट के बाद उनकी टीम का लड़का आया और कैमरे की तरफ देखकर बोला इसमें शूट ही नहीं हो रहा है

यह सुनकर मेरे चारों तरफ अंधेरा छा गया। ऐसा लग रहा था मानों धरती फट जाए और मैं उसमे समा जाऊं क्योंकि इंटरव्यू से पहले कि तैयारी की कक्षा मैंने बड़े ध्यान से ली थीं और सब कुछ चेक करके इंटरव्यू शुरू किया था।

कैमरा में चेक किया तो पता चला 20 मिनट तक इंटरव्यू शूट हो चुका है।

अब उनकी टीम यह चेक कर रही थी कि अंतिम प्रश्न कौन सा था वहां से इंटरव्यू चालू कर लूं।

जैसे ही मैंने कंप्यूटर पर वीडियो देखी तो खुद पर शर्म आने लगी क्योंकि आईआईएमसी के कैमरा से जो भी शूट किया हुआ था वीडियो में हर 2 सेकेंड पर फोकस आउट हो रहा था। जिसको कहीं पर भी पब्लिश नही कर सकता था।

कलाकार के टीम मेंबर ने अपना कैमरा दिया और बोले इस से शूट कर लो।

कम से कम इंटरव्यू 10 मिनट तक चला और फुटेज चेक किया तो पूरा इंटरव्यू स्लोमोशन यानी 60 fbs पर शूट हो गया।

अब मैं कलाकार से माफी मांगने लगा।

उन्होंने ने कहा तुम्हारी कोई गलती नही है आप निश्चिंत रहें।

बाबू गप्पी अभी भी तीसरी बार इंटरव्यू के लिए तैयार थे। उनको देखकर मैं खुद को कोसने लगा। इस बार मैंने 15 की जगह 10 प्रश्न पूछे।

एक ही प्रश्न को तीन बार पूछना, तीनों बार उसी जोश के साथ उत्तर देना। धन्य हे कलाकार बाबू गप्पी के लिए और इंटरव्यू कंप्लीट हुआ।

आप जीवन में निरंतर काम के साथ अपने गांव, राज्य और देश का नाम ऊंचा करते रहें। मैं यही कामना करता हूं आपका भविष्य उज्ज्वल रहे।

इंटरव्यू लगभग 19 मिनट का हुआ और रात के 11:30 बज गए।

जाने से पहले कलाकार ने खाना खिलाया और हमने वहां से विदा ली।

यह मेरा सौभाग्य है कि आपने इंटरव्यू के लिए समय दिया

यह मेरा एक्सपीरियंस है आपको कैसा लगा कॉमेंट करके जरूर बताएं।

Write a comment ...

Write a comment ...