बिहार के ख्वाजेपुर गाँव में जन्मे भानु प्रताप सिंह को 2011 में पहली बार बॉलीवुड में एंट्री मिली। भानु प्रताप लगभग 70-80 फिल्मों में स्टीडिकैम ऑपरेटर का काम कर चुके हैं। हाल ही में रिलीज़ हुई टाइगर 3 फिल्म में सुपरस्टार सलमान खान के साथ काम कर अपने गाँव का नाम रोशन किया। इनकी आने वाली फिल्म में “डंकी” शामिल है, जिसमें शाहरुख़ खान और तापसी पन्नू लीड रोल में रहेंगी। भानु अपने बेहतरीन काम से असंख्य लोगों को प्रभावित कर रहे हैं। प्रस्तुत है हाल में भानु प्रताप सिंह से हुई राजप्रताप सिंह की बातचीत के कुछ अंश:
Q1, स्टीडिकैम ऑपरेटर क्या है, इसके बारे में कुछ बतायें?
A1, स्टीडिकैम एक स्पेशल जॉब है एक स्पेशल कैमरा आपरेशन होता है “दिस इज़ कॉल्ड स्टीडिकैम” कैमरा उसके ऊपर लग जाता है, स्टीडिकैम ऑपरेटर उसे ऑपरेट करता है। बहुत ही स्पेसिफिक और स्पेशल शॉट्स के लिए होता है।
Q2, सीन शूट करते समय कौन-कौन से चैलेंज आते हैं?
A2, चैलेंज तो कई आते हैं। जब रनिंग शॉट्स होते हैं तब थोड़ा टफ होता है, अब तो आदत हो गई है। लेकिन हर दिन एक नया चैलेंज होता है। शॉट्स को अच्छे तरह से कैसे शूट करें, उसकी खुबसूरती को कैसे निखारें। हर शॉट अपने-आप में एक चैलेंज है।
Q3, आपके मन में कभी फुल टाइम dop बनने का ख्याल आया है?
A3, मैंने लगभग 50 गाने शूट किए हैं एज़ अ डीओपी।लेकिन मुझे कई बार लगता है ये छोड़ के नया दौर शुरू करना पड़ेगा, नया स्ट्रगल शुरू होगा। तो मुझे लगता है ऐज फेक्टर भी नहीं है कि आप नई चीज़ शुरू करने जाओ फिर उसमे समय दो। कभी फिल्म मिले या न मिले। क्योंकि इंडिपेंडेंट डीओपी आप पर कोई जब विश्वास करेगा, जब आपने काफी काम किया हो। ये अच्छा चल रहा है इसमें ये फायदा है कि अलग-अलग डायरेक्टर और डीओपी के साथ काम करके मज़ा आता है।
Q4, आप बिज़ी शेड्यूल में दोस्तों और परिवार के लिए समय कैसे निकालते हैं?
A4, ये थोडा मुश्किल है क्योंकि निजी जिन्दगी थोड़ी अस्त-व्यस्त है, आप परिवार दोस्तों और रिश्तेदारों को समय नहीं दे पाते हैं। बड़ा मुश्किल होता है उसको मैनेज कर पाना। जब भी शूट खत्म होता है समय निकलना पड़ता है लेकिन पूरा समय नहीं दे पाते हैं, यही शिकायतें रहती हैं।
Q5, किस टाइप के शॉट्स के लिए स्टीडिकैम का उपयोग किया जाता है?
A5, मोस्टली वॉक एंड टॉक, रनिंग, फ़ास्ट मूमेंट और चेजिंग शॉट्स में काफी उपयोग किया जाता है।
Q6, हर डायरेक्टर और dop का विज़न अलग होता है, उसको कैसे मैनेज करते हो?
A6, थोडा सा टाइम लगता है, आपको 2 या 4 घंटे लग सकते हैं या फिर बड़ी फिल्म कर रहे हैं तो दो या चार दिन लगता है तो आप समझ जाते हैं किसका क्या विज़न है। किसको किस तरह की फ्रेमिंग पसंद है तो हर बार थोड़ा एडजस्ट होने में समय लगता है।
Q7, 4 या 5 मिनट के वन टेक शॉट में क्या तैयारी करनी पड़ती है?
A7, मेन है रिहर्सल करना।
Q8, स्टीडिकैम ऑपरेटर बनने की क्या प्रक्रिया है?
A8, स्टीडिकैम ऑपरेटर बनने का कोई मानदंड नहीं है।जब कोई मेरे पास आता है तो मैं उसकी सहायता करता हूँ, सब कुछ प्रैक्टिस से आता है, उसमें समय देना पड़ता है। 4 या 10 दिन में कुछ नहीं होता है। भारत में स्पेशल कोई कॉलेज नहीं है लेकिन जिस भी कॉलेज में सिखाते है उसमे बेसिक बताया जाता है कि ये स्टीडिकैम है। स्पेसिफिक कॉलेज या संस्थान नही है कि इसके लिए ट्रेंड किया जा सके।
Q9, हाल ही में रिलीज हुई टाइगर 3 का एक्सपीरिएंस कैसा रहा?
A9, कमाल की फिल्म है, मैंने इस फिल्म में लगभग 125 दिन शूट किया था, अभी वो हिट हो गई तो और अच्छा लगता है। उसके लिए काफी आउटडोर शूट किये थे। एक्शन फिल्म थी तो काफी काम था स्टीडिकैम का, तो बहुत ही मजेदार था और बड़े स्टार हैं सलमान साहब तो मज़ा आता ही है, एक्सपीरिएंस काफी मजेदार था।
Q10, सितारों की झलक पाने के हजारों की भीड़ लग जाती है, आप उनके साथ काम करते हो, बात करते हो आपको कैसा फील होता है?
A10, यार अब ये बात न बड़ी जनरल हो गई है, क्योंकि अपने लिए तो ये काम ही है। आप रोज़ यही कर रहे होते हो नॉर्मल हो गया है ये सब। अब ऐसा लगता है कि लोग भीड़ क्यूँ लगा रहे हैं, लेकिन उनके पॉइंट ऑफ़ व्यू से देखो तो ये बड़ी बात है।
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