एक समय की बात है, रामप्रकाश मास्टर जी अपने परिवार के साथ गाँव में रहते थे. वह अपने बेटे विनय से बहुत ख़फ़ा थे क्योंकि विनय की उम्र लगभग 31 वर्ष होगी लेकिन वह अपने भविष्य को लेकर बिलकुल भी चिंतित नही था. मास्टर साहब 24 घंटे हर सेकेंड यही सोचते, यह भविष्य में क्या करेगा. विनय ने आज तक रामप्रकाश से यह नही कहा कि इस दिशा में अपना भविष्य बनाना चाहता है. पिता पुत्र एक-दुसरे की शक्ल देखना भी पसंद नहीं करते थे. विनय ने इंग्लिश और हिंदी से एम.ए कर, कभी बैंक की तैयारी करता तो कभी यूपीएससी पढ़ने बैठ जाता या विधायकों के साथ राजनीति करने लगता. यदि विनय की माँ राजलक्ष्मी शादी के लिए कहती तो भविष्य बनने के बाद की टाल देता. पूरा घर विनय से परेशान होने लगा. पिता की सरकारी नौकरी होने की वजह से गाँव में 31 वर्ष का होने के बावजूद अभी भी शादी के लिए रिश्ते आते थे. वर्ना लड़कियों के भी लाले पड़ रहे होते लेकिन शहजादे को कौन समझाए. एक दिन रामप्रकाश ने ठान लिया कि विनय से बात करके ही रहूँगा और पूछूँगा भविष्य में करना क्या चाहता है. दोपहर से ही रामप्रकाश विनय का इंतज़ार करने लगे. विनय शाम के 7 बजे आया. गलियारे में होते हुए अपने कमरे की तरफ बढ़ने लगा. भारी आवाज कर रामप्रकाश ने आवाज लगाई.
रामप्रकाश
विनय
विनय को उम्मीद न थी कि पिता भी मुझे पुकार सकते हैं
विनय
जी पिता जी
रामप्रकाश
इधर आओ, बैठो.
विनय बिना कुछ बोले रामप्रकाश के पास रखी कुर्सी पर बैठ गया. विनय की आँखों में डर दिख रहा था, लगभग 3 साल बाद पिता जी से बात होने जा रही थीं.
रामप्रकाश
बेटा क्या करोगे भविष्य में, कुछ समझ ही नहीं आ रहा है कभी कुछ करते हो तो कभी कुछ, तुम्हारी उम्र 31 साल हो गई है, तुम्हारे साथ के दोस्त पर 8 और 10 साल के दो बच्चे हैं.
विनय चुपचाप सुनता रहा,
रामप्रकाश
बोलो भी करना क्या चाहते हो?
कुछ देर सोचने के बाद विनय
विनय
पिता जी मैं राजनीति में जाना जाता हूँ.
रामप्रकाश
राजनीति जानते हो, क्या है?
विनय
नहीं
रामप्रकाश
चलो मैं आज तुम्हे राजनीति सीखता हूँ,
विनय
कैसे
रामप्रकाश
तुम छत से कूदना, मैं तुम्हे गोदी में लूँगा
यह सुनकर विनय छत पर चढ़ जाता है और रामप्रकाश नीचे खड़े हो जाते है, रामप्रकाश कहते हैं
रामप्रकाश
कूदो बेटा, मैं तुम्हे गोदी लूँगा
विनय अपने पिता पर भरोसा कर कूद जाता है, लेकिन नीचे से रामप्रकाश हट जाते हैं जिसके कारण विनय के हाथ-पैर टूट जाते हैं, विनय दर्द से कराहता है और रामप्रकाश से पूछता है
विनय
आपने कहा था, छत से कूदना, मैं तुम्हे गोदी में लूँगा, फिर गोदी क्यूँ नहीं लिया?
रामप्रकाश
यही राजनीति है, बेटा
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