कुमार सौरभ का जन्म 12 सितम्बर को हरियाणा में हुआ। मध्यप्रदेश ड्रामा स्कूल से एक्टिंग का कोर्स कर मुंबई किस्मत आजमाने आये। लाल रंग से शुरुआत कर शमशेरा, शिक्षा मंडल, बारात कंपनी यूटी 69, महारानी वेब सीरिज में अभिनय कर अपने गाँव का नाम रोशन किया। प्रस्तुत है हाल में कुमार सौरभ से हुई राजप्रताप सिंह की बातचीत के कुछ अंश:
Q 1, आपने कब सोचा था कि आप एक्टर बनेंगे?
A 1, यह तो मैंने बचपन में ही सोच लिया था जब मैं बहुत छोटा था लगभग 7–8 साल का, उस वक्त पापा बोलते थे तुझे एनएसडी में जाना है। मैं कहता था एनएसडी क्या है। पापा बताते थे नेशनल स्कूल आफ ड्रामा एक्टिंग का है तू फिल्म में काम करेगा। यह पापा की चाहत थी बचपन से ही।
Q 2, आपके पिताजी आपसे बोले, कि आप एक्टर बनेंगे। आप अपने पिताजी के कहने पर एक्टर बने या अपनी खुद की ख्वाहिश थी?
A 2, खुद की ख्वाहिश थी। एक्टिंग तो हर बंदा करना चाहता है, विराट कोहली को भी एक्टिंग करनी है। डॉक्टर को भी एक्टिंग करनी है। मेरे मामा या अंकल जी भी यही बोलते हैं कि मुझे भी किसी में रोल दिलवा दो। हमे भी एक्टिंग करनी है। एक्टिंग सबको अच्छा लगता है, पापा ने मेरे लिए सोचा और मुझे मजा आता था। खुद की आत्म संतुष्टि के लिए भी एक्टिंग कर रहा हूं।
Q 3, सेल्फी लेते वक्त दोस्त ग्रुप से निकाल देते थे वह जीवन कैसे व्यतीत हुआ?
A 3, मेरे लिए कुछ नया नहीं था। जैसे कि दलित समाज के व्यक्ति को मारते हैं वह उसके लिए आम हो जाता है। गाली सुनना, मारपीट का भी जवाब नहीं देना। मेरे लिए कोई बड़ी बात नहीं थी। दिनचर्या ऐसे ही बीत रहा था। ठीक है मैं समझ रहा था अभी कर लो। बाद में आप मुझसे प्यार करने के लिए सोचेंगे।
Q 4, मुंबई में हाइट को लेकर किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ा?
A 4, हर जगह लोग होते हैं। आपको नेगेटिव करते हैं कुछ पॉजिटिव करते हैं। शुरू में कोई मुझे देखकर बोलता ही नहीं था कि मैं एक्टर हूं। लेकिन जब एक्टिंग करता हूं, ऑडिशन देता हूं। तब बोलते थे कि तुम बहुत बेहतरीन एक्टर हो यार। यहां पर तो हर तरह के लड़कों का काम है मोटे हो, पतले हो, छोटे हो, हर कैरेक्टर चाहिए यहां पर। इसको लेकर कहीं ना कहीं मेरे लिए प्लस पॉइंट है। यह गॉड गिफ्टेड है आई थिंक सो।
Q 5, ज्यादातर कलाकार एनएसडी और एफटीआईआई से पास आउट होकर आते हैं, तो आपने मध्य प्रदेश स्कूल ऑफ ड्रामा क्यों चुना?
A 5, उस वक्त मैं दिल्ली में थिएटर करता था और मेरा ऐम था एनएसडी। सोचा कि 1 साल तक थिएटर करूंगा और फिर एनएसडी ज्वॉइन करूंगा। मेरे दोस्तों ने कहा कि तू मध्य प्रदेश स्कूल का ड्रामा में अप्लाई कर दे क्योंकि वहां पर भी एनएसडी की फैकल्टी है। रहना खाना मुफ्त है। अच्छा काम करेगा और अच्छा सीखेगा। मध्य प्रदेश के बाद फिर मैने एनएसडी के लिए अप्लाई किया लेकिन मेरा नहीं हुआ उसके बाद में मुंबई चला गया।
Q 6, मुंबई पहुंचने के बाद पहला रोल कितने स्ट्रगल के बाद मिला?
A 6, पहले रोल तो मुझे 15 दिन के बाद ही मिल गया था। क्राइम पेट्रोल में छोटा सा कैरेक्टर था। वहां से मुझे कॉन्फिडेंस आया। एक्टर ने तारीफ की। अच्छा फील हुआ। 1 महीने के अंदर मुझे एक सीरियल मिला सीरियल स्टार प्लस पर प्रसारित होता था। कहा कि 1 महीने में 25 दिन काम होगा लेकिन दो या तीन दिन काम होता था। वह दौर बहुत मुश्किल भरा था। बीच में काफी अपडाउन देखे हैं। और वह तो चलता रहता है। तभी मजा आता है काम करने में।
Q 7, आपने एक इंटरव्यू में कहा था की मां के अलावा कोई प्यार नहीं करता था तो एक्टर बनने के बाद कुछ बदलाव हुए?
A 7, एक्टर बनने के बाद प्यार मिलना सिर्फ समाज से हुआ। मैंने एक व्यक्ति को दो तरह से देखा है 14 तारीख को वह कुछ और है। 15 तारीख को मेरे परफॉर्मेंस करने के बाद वह कुछ और है। सब कुछ चेंज हो गया प्यार देना रिस्पेक्ट करना तो उसने मुझे बहुत पुश किया है। मुझे प्यार मिल रहा है वह मुझे बहुत आत्म संतुष्टि देता है। आपने मेरा इंटरव्यू लिया, तो यह है मेरे लिए सच्चा प्यार है। बहुत खुशी देता है। माँ तो नहीं रही। लेकिन मेरे दादा दादी जी वर्ल्ड के बेस्ट दादा दादी जी थे। दादाजी के जाने के बाद सच में प्यार को बहुत मिस किया।
Q 8, सर आपने लगभग 20 फिल्मों में काम किया है वह कौन सा रोल है जो सबसे अधिक चुनौती पूर्ण रहा हो और उसे करने में मजा आया हो?
A 8, मेरी पहली फिल्म लाल रंग थी। जिसमे मैंने सनी बाबा का रोल प्ले किया था। दूसरा शमशेरा जिसमें कैरेक्टर का नाम चूहा था। शमशेरा में मैंने रणबीर कपूर और सौरभ शुक्ला के साथ काम किया है। वह काफी चैलेंजिंग था और बड़ी स्टार कास्ट थी। लाल रंग मेरी पहली फिल्म थी उसमें जो मैने कैरेक्टर प्ले किया था शनि बाबा का वह हल्का सा गे है बाबा है, वो बड़ा कैरेक्टर है उसे पकड़ के चलना। स्मूथली हो गया तो मजा आया। फेवरेट शनि बाबा, निर्मल पाठक की घर वापसी में लव लबिया का कैरेक्टर। ये काफी करीब है मेरे दिल के।
Q 9, फेमस होने के बाद ऑडिशन की प्रक्रिया क्या होती है?
A 9, कुछ फिल्मों के बाद जब मैं ऑडिशन के लिए बाहर जाता था। कास्टिंग डायरेक्टर कहते थे कि सर आप मत आओ आपको मैं जानता हूं आपके लिए कुछ भी आएगा तो मैं बुला लूंगा। फोन आता है घर से ही ऑडिशन बनाकर भेज देता हूं। जो बड़े प्रोडक्शन हाउस है वह अभी भी ऑडिशन लेते हैं।
Q 10, साधारण व्यक्ति और कलाकार में क्या अंतर है?
A 10, साधारण व्यक्ति सिंपल है। कलाकार बहुत इमोशनल होता है। वह चीजों को समझता है किसी भी चीज पर मंथन करता है बहुत महत्वाकांक्षी होता है कलाकार बस प्यार का भूखा है। 2 करोड़ देकर कुमार सर को नचवा लूंगा ऐसा नहीं होगा। आप मुझसे प्यार में ₹20000 में भी काम कर सकते हो। कलाकार हर चीजों को परखता है समझता है और सोचता है।
Q 11, आपने अभी तक कोई भी किरदार निभाया हो जो आप पर अभी भी प्रभाव रखता हो आप चलते हुए भी उसकी एक्टिंग करने लगते हो?
A 11, उसकी लाइंस आ गई हैं लैंग्वेज आ गया है बॉडी लैंग्वेज तो छोड़ना पड़ेगा। एक अभी UT69 में किया था "ये किधर तो देखा है तेरे को" दोस्तो से ऐसे ही बात करता हूं "ये क्या रे किधर जा रहा है ऐ आना रे तू" वह हल्का सा अच्छा लगता है बोलने में। लाल रंग का किरदार 6 महीने तक मेरे प्रभाव में रहा। मेडिटेशन कर करके मैंने उसको हटाया। वह मुश्किल था वह कैरेक्टर मेरे अंदर आ गया था। आप कैरेक्टर के अंदर डीप में जाते हैं तो कैरेक्टर बहुत दिनों तक आपके अंदर रहता है।
Q 12, बॉलीवुड में नेक्स्ट प्रोजेक्ट में किस कलाकार के साथ काम करना चाहते हैं?
A 12, शाहरुख सर और आमिर खान सर के साथ।
Q 13, अपने किरदार में जान डाल देते हैं उसके लिए क्या तैयारी करते हैं?
A 13, मैं उसे कैरेक्टर के साइकोलॉजी को समझता हूं। कैरेक्टर कितना पढ़ा लिखा है उसका स्टेटस क्या है वह कैसे बात करेगा। डॉक्टर होता तो कैसे बात करता। अगर में इंजीनियर होता तो कैसे बात करता।
Q 14, आपकी अभी नई वेब सीरीज आने वाली है आज ही टीजर आया है उसका तो अपनी ऑडियंस के लिए क्या कहना चाहेंगे आप?
A 14, हमे भी बेसब्री से इंतजार है आप देखिए और प्यार दीजिए। वेब सीरीज देखकर दिमाग घूमने वाला है आपका।
Q 15, इस इंटरव्यू के जरिए अपने फैंस को कोई नया अपडेट देना चाहेंगे?
A 15, कुछ प्रोजेक्ट आने वाले हैं नेटफ्लिक्स पर दो वेब सीरीज आने वाली हैं, साथ में दो फिल्में आने वाली है
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