दिल्ली के ऑटो चालकों की मनमानी

सुबह हो या शाम, दिन हो या रात, ऑटो चालक किराए को लेकर मनमानी करते नज़र आयेंगें। थोड़ी ही दूरी के 100 से 300 रूपए तक वसूलेंगें।

दिल्ली की बसों और मेट्रों में किराया सस्ता है लेकिन बस समय से नहीं मिल पाती हैं। इसी वजह से यात्री ऑफिस, स्कूल, घर, या कॉलेज जल्दी पहुचने के कारण से ऑटो से जाने का फैसला करते हैं। चालक इसी बात को लेकर फायदा उठाते हैं।

अगर आपने अपनी मंजिल तक पहुचने का किराया तय नही किया है तो मंजिल पर पहुचते ही ऑटो चालक मुहँ माँगा किराया मांगते हैं। आप बहस करते हैं तो ज्यादातर चालक धमकाना और गाली-गलौज करना शुरू कर देते हैं। यात्री पुलिस केस में फसना नहीं चाहता हैं और ऑटो चालक मुहँ माँगा किराया लेकर चला जाता है। यदि कोई व्यक्ति शहर में नया है तो यात्री के साथ ठगी करते हैं।

कुछ चालक बिना यूनिफॉर्म के ऑटो चलाते हैं। जिन पर सरकार का ध्यान नही जाता है। आये दिन यात्रियों को सुनसान इलाकों पर ले जाकर लूटपाट की घटना भी आम है।

महिलाओं पर छींटाकशी के मामले भी सामने आए हैं।

चालकों ने ट्रैफिक नियमों को भी तार-तार कर दिया है। ऑटो को कहीं भी रोक देते हैं।

दिल्ली सरकार ने प्रति किलोमीटर के हिसाब से रूपए तय कर रखे हैं। फिर भी कुछ ऑटों में मीटर की मशीन नही लगीं हैं। ज्यादा संख्या में ऑटो बिना मीटर के मिलेंगें।

मनमाने किराए को लेके

बढ़ती सीएनजी और महंगाई भी एक फेक्टर है। लेकिन सरकार ने पहले ही मंहगाई को देखकर किराय में बढ़ोत्तरी की है।

ट्रांसपोर्ट विभाग और ट्रैफिक पुलिस ने ऑटो चालकों की मनमानी को लेकर शिकायत नंबर जारी किया है। लेकिन यात्री पुलिस के झमेले में नही पड़ना चाहते हैं। यात्री शिकायत ही नही करते हैं। इसीलिए चालकों की मनमानी निरंतर जारी है।

ज्यादा किराया मांगने और सवारी ले जाने कि मना करने पर 5000 रुपयों तक का जुर्माना लग सकता है। ऑटों जब्त होने के साथ-साथ परमिट कैंसल हो सकता है फिर भी यात्री खामोश रहते हैं।

पूरी दिल्ली में ऑटो चालक यूनिफॉर्म पहनें। जो चालक युनिफोर्म न पहने तो यात्रियों को उनका पूर्ण रूप से बहिष्कृत करना चाहिए। प्रत्येक ऑटो में मीटर होना अनिवार्य होना चाहिए जिससे यात्री ठगी महसूस न करें। हर ऑटो में जीपीएस हो जिससे लोकेशन का पता चल सके। ऑटो स्टॉप के लिए जगह चिह्नित हो जिससे ट्रैफिक का उल्लंघन नही होगा। सरकार ऐसे नियम निकाले ऑटो चालकों पर शिकायतों को लेके यात्रियों को परेशान न किया जाये। ज्यादा ही संवेदनशील घटना हो तभी यात्री को बुलाया जाये वरना पुलिस को खुद ही समस्या का हल करना चाहिए।

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